१४१ सस्पेंड। देश मे नई हुकुम शाही की आगाज








 अभी जो ड्रामा पूरे देश मे चल रहा है न तो कोई दलाल मीडिया दिखा रहा है न जी कोई चर्चा हो रही है। 

उप राष्टपति जो ससद के अध्यक्ष भी होते है जबसे मोदीजी की स्तुति का वीडियो सामने आयाहै तभी से विरोधक के निशाने पे आये थे। 

अभी तक जितने भी राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति हैं उन सबने हर एक प्रधानमंत्री या जज या सेना अधिकारी का उगीत आआदर किया है ल्वेकिं जबसे भाजपा की सरकार आये है हर कोई व्यक्ति किसी भी पद पर किन ना हो मोदीची की चरण स्पर्श करने मे ही धंयय माँन रहा है ये हमने केहि बार देखा है। 

उपराष्ट्रपति ने तो मोदीजी उनका मकसद था की ऐसे हालत आने पर सरकार इन मुद्दों पर चर्चा करेगी। 

लेकिन दलाल मीडिया ने क्या किया हमीश की तरह इन लड़को का किसी आतंक वादी के साथ या देशद्रोही लोगों की साथ इनका रिश्ता जोड़ दिया। 


ये बात साफ हौ की युवा का रास्ता बुलकुल गलत हे। 

संविधानिक रास्ते से ही हर एक मुद्दे का हल निकल जा सक्या हे। 

अब इन युवा का भविष्य खराब होगा। 

भाजपा को इन युवा की टेंशन को समझ कर माफ कर देना चाहिए


विरोधक इन युवा के मुद्दव पर सदन मे प्रधानमंत्री से निवेदन चाहते थे। 

अफसिस प्रधानमंत्री बस या रेडियो या प्रचार सभा मे ही बोल्ते है। 

अभी भी इतना शोर चालू है तो मोदीजी ने मन ओ कष्ट नही किया की सदन मे आकर । 

आगर सदन मे अयंग्वा तो इन मुद्दों का जवाब देना होगा।ना मोदीजी ना शाहजी ने सदन मे अभी तक निवेदन दिया है। 

बस उपराष्ट्रपति का जो मिमिक्री किया है उसी बात को लेकर दिन भर मीडिया मे चर्चा चल रही है। 


क्या युवा की समस्या से ज्यादा बडी प्रॉब्लम सभापति का मिम्मीकृ हैं?

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